Monday 3 August 2015

बहनों की मस्ती

हेलो फ्रेंड, माय नाम इस साहिल. माय ऐज इज २५ फिट बॉडी. ८” और ४” मोटा लंड है. मुझे सेक्स का बहुत शौक है और ये आदत मुझे बचपन से है. जब मैं छोटा था, तब से ही मेरे दिमाग में सेक्स की बाते आ चुकी थी. जब मैं लगभग ८-१० साल का था, तब हमारे घर में मेरी कजिन सिस्टर रहने आई, जो अकसर रहने आई करती थी. उनको शायद सेक्स का मेरी तरह ही शौक था. उन्होंने सेक्स भी किया हुआ था. ये बात मुझे तब मालूम हुई, जब वो मेरे घर रहने आई.

घर में कमरे लिमिटेड ही थे, तो मेरे कमरे में ही रूकती थी. एक रात की बात है. वो दोनों और मैं मेरे कमरे में सोये हुए थे, कि उन्होंने मुझे अचानक से उठाया और मेरे सामने अपनी सलवार को उतार दिया और मुझे उनकी चूत को चाटने के लिए बोला. तब मुझे सेक्स के बारे में ज्यादा समझ नहीं थी. मैंने उनकी फुद्दी को चाटना शुरू कर दिया. रूम में अँधेरा होने के कारण और ऊपर चादर होने के कारण मैं उनकी चूत ना देख सका. समझ ना होने के कारण, कुछ ज्यादा ध्यान भी नहीं था. मुझे उलटी जैसा मन होने लगा था.

मैंने उन्हें कुछ कहा, मुझसे नहीं हो रहा है. उलटी आ रही है. पर उसने कहा – कुछ नहीं होगा और मेरा सिर पकड़ कर फिर से चूत में गुसा दिया. मई फिर से अपनी जीभ निकालकर चाटने लगा. अपने हाथ रखकर, मैंने जब थोड़ी चूत खोली. तो उसे दर्द हुआ. उसे अहहहः … की आवाज़ की और बोली – धीरे से कर. पर मैं करता ही रहा…. कुछ देर करने के बाद, उसने अपनी टांगो को कसना शुरू कर दिया और मेरे सर को अपनी फुद्दी में दबा कर टांगो को क्लोज कर दिया. वो झड गयी थी और शांत हो गयी थी. पर उसकी चूत को चाटता रहा… और चूत का सारा पानी चाट कर पी गया. फिर उसने कहा… अब बस कर. फिर, मेरी दूसरी कजिन ने भी ऐसा किया.. अपनी दोनों टांगों को चौड़ी करके. मेरा सिर अपनी टांगो के बीच में दबा लिया. मैंने अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत के अन्दर घुसा दी. कुछ देर बाद, उसने भी पानी छोड़ दिया… और मैं उसे चाटता ही रहा.. उसने बस कहा … और …

फिर हम सब सो गये. यही सिलसिला कुछ सालो के लिए थम गया और कुछ सालो बाद… जब मैं उनके घर गया. तब भी उन्होंने मुझे अपने साथ उनके कमरे में ही सुलाया. हम लोग रात में सब साथ में उनके कमरे में सो गये. फिर वही सिलसिला उस रात भी हुआ. उसने मेरे से अपनी चूत चटवाई. मैं चटकारे लेकर उसकी चूत को चाटता रहा और फिर वो झड गयी और इससे ज्यादा वो कुछ नहीं करती थी मेरे साथ… समझ ना होने के कारण मैं उसे चोद नहीं सका… जब मुझे सेक्स के बारे में ज्यादा जानकारी होना शुरू हुई.. तब तक उनकी शादी हो चुकी थी. और मेरे सपने भी अधूरे ही रह गये. तब मुझे मुठ मारने का शौक पड़ गया. रूटीन में दिन के ५ बार मुठ मारनी. एडल्ट बुक पढ़नी और ब्लू मूवीज देखकर मुठ मारते रहने का शौक पढ़ गया था. मौके की तलाश में रहना.. और मुठ मारने का मौका ढूँढना.. हमारा मोहल्ला ओपन था.. पानी का नल हमारे घर के सामने ही था. जो भी वहां कपड़े धोता या पानी भरने आता, तो सामने दीखता था.

जब भी कोई आंटी वहां कपडे धोने के लिए बैठती.. अपने पैरो के बल.. और कपड़ो पर डंडा मारने के लिए अपनी गांड ऊपर-नीचे करती, तब मुझे ऐसा नज़ारा देखकर मुठ मारने का मौका मिल जाता था. और ऐसा लगता था, जैसे आंटी मेरे लंड को अपनी चूत में गुसा कर ऊपर नीचे हो रही है. और फिर जब पानी निकल जाता था, तो सपना भी टूट जाता था, किसी को चोदने का… घर के सामने ही पानी की एक बड़ी टंकी थी… जिसके पीछे एक नाली लगती थी. यहाँ अक्सर लेडिज पेशाब करने को बैठ जाती थी. कभी अगर उनको लगता था, कि उन्हें कोई नहीं देख रहा है, तो वो टंकी के थोड़ा साइड में होकर पेशाब करने लगती थी. मैं उस जगह पर होता था, जहाँ से मुझे सारा नज़ारा बिलकुल क्लियर दीखता था. चूत से निकलती उनके पेशाब की धार .. मुझे पागल बना देती थी. इस तरह से मुझे उनकी चूत के भी दर्शन हो जाते थे.

कभी मैं टंकी के पास जाकर पानी लेने के बहाने जाता.. जो लेडी वहां पेशाब करती.. उसकी आवाज़ कानो में पड़ती.. स्सस्सस्सऊऊऊर्र्रर्र्र्रर्र्र… और सलवार बाँधने हुए हाथ धोने के आवाज़ आ जाती. हमारे मोहेल्ले में एक आंटी रहती थी. जो अपने आप को सवच्छ मानती थी. किसी से छु लिया, तो नहाना… अक्सर सुबह जब नीद खुलती… और पेशाब करने के लिए टंकी के पास जाना पढता… तब वो आंटी नंगी ही नहा रही होती थी. जब मैं वहां गया, तो उसने मुझे थोडा लेट देखा. मुझे देखते ही वो संभल गयी और खड़ी हुई और कपड़े से अपने आप को ढकने लगी. मैं पेशाब करके अन्दर चले गया. आंटी के जिस्म का नज़ारा देखकर मैं पागल बन गया और फिर मैंने मुठ मारी. फिर एकदिन मुझे फेसबुक पर एक आईडी का पता चला. जिसमे दोस्त बनाये जाते थे. जो की मेरे दोस्त ने बताया. मैं भी दोस्त की तलाश में लग गया और फ्रेंड रिक्वेस्ट सेंड की. पर कोई फ्रेंड नहीं बना, कोई दोस्त नहीं बना.

एक दिन, अचानक एक लेडी का मेसेज आया और वो मेरे बारे में पूछने लगी. वो बहुत अजीब सी बातें कर रही थी. तुम्हारा नाम क्या है? कहाँ रहते हो? हर बात सिर्फ अपनी सुना रही थी या कुछ पूछ रही थी, कुछ कुछ समझ नहीं आ रहा था. मैंने उससे कहा, कि अपना नंबर दो. फिर उसने कहा, कि पहले मुझे अपना नंबर दो और अपने बारे में बताओ. मैंने उससे कहा, कि मैंने तुम्हे अपने बारे में सब कुछ बता दिया है, अब तुम मुझे भी अपने बारे में बता दो. वरना मुझे अपनी फ्रेंड लिस्ट से निकाल दो. तब उसने कहा – कि वो मैरिड है, एज ४० साल है और एक दोस्त चाहती है. एक बेस्ट फ्रेंड. मैंने कहा – अगर तुम्हे अगर ऐतराज़ नहीं हो, तो मुझे प्रॉब्लम नहीं है. उसने कहा – ओके. फिर हम लोगो बातें करने लगे. मैंने उसे मिलने के लिए कहा और बोला, मैं तुम्हे देखना चाहता हु.

पहले उसने मना कर दिया. बट फ़ोर्स करने पर वो मान गयी. जब मैं उससे मिलने गया उसकी बताई हुई जगह पर, तो देखता ही रह गया. शी इस नॉट लुक ४०, शी लाइक २५ और उसका फिगर ३६-२९-३८ के आसपास होगा. फिर हम काफी बार मिले. उसका हसबंड शराब पीता था और उस कारण उसको जॉब करनी पड़ती थी. मैं उससे मिलने के बहाने ढूंढने लगा. उसे छोड़ने घर भी जाता था. एकदिन, सन्डे के दिन उसका फ़ोन आया. जब भी कोई पास नहीं होता था, वो मुझे तभी कॉल करती थी. मैं समझ गया, कि उसके घर में कोई नहीं है. मैंने उससे मिलने को कहा. वो मना करने लगी. बट मैंने फ़ोर्स किया और वो मान गयी. उसने कहा, कि तुम मेरे घर ही आ जाओ. मैं बाहर नहीं जा सकती हु. मैंने बाइक स्टार्ट की और उसके घर चले गया. वो घर में अकेले ही थी. उसने मुझे अन्दर आने को कहा. मैं अन्दर गया. उसने मुझे बैठने को कहा और पानी लाने चली गयी.

मैं भी उसके पीछे किचन में चले गया और उसको हग कर ली. उसने अचानक से पीछे मुड़कर देखा और डर गयी. वो मुझे धक्का देने लगी. मेरी पकड़ बहुत मजबूत थी, इसलिए वो कुछ नहीं कर पा रही थी. वो मुझे बोलने लगी, छोड़ो साहिल. ये गलत है. मैंने कहा – आई लव यू डिअर. यू आर सो ब्यूटीफुल… एंड आई लाइक यू. उसने कहा प्लीज… मुझे ये सब पसंद नहीं. मैंने कहा – मुझे एक बार अपना कर तो देखो, सब पसंद आने लगेगा. मैंने उससे कहा – देखो डिअर, मैं तुमसे जबरदस्ती नहीं करूँगा. जो भी होगा.. सिर्फ तुम्हारी मर्ज़ी से ही होगा. प्यार की जरूरत तुम्हे भी है और मुझे भी. प्लीज डिअर, मुझे अपने प्यार का हिस्सा बना लो. मैं बाहर जा रहा हो. ये फैसला सिर्फ तुम्हारा ही होगा. मैं कोई जबरदस्ती नहीं करूँगा. उसके गाल पर एक किस करके मैं बाहर चले आया और बाहर सोफे पर आकर बैठ गया. वो थोड़ी देर बाद, बाहर आई और मुझे पानी दिया और एक स्माइल पास कर दी.

फिर मैंने उससे पूछा, कि क्या फैसला है तुम्हारा. उसने कुछ नहीं कहा और रूम की तरफ चली गयी. मैं समझ गया, कि वो तैयार है. मैं भी उसके पीछे अन्दर चले गया. रूम में जाते ही, मैंने उसे पीछे से हग की और उसने एकदम से मुड़कर मुझे हग कर ली और रोने लगी. मैंने उसे चुप करवाया और उसके फेस को दोनों हाथो में पकड़ कर उसकी आँखों में देखा. फिर मैंने उसके होठो पर अपने होठो को रख दिया और समुच करने लगा. वो भी इसके लिए तैयार थी. उसने समुच करके मुझे कहा. मुझे आज तक सही प्यार नहीं मिला. मैं प्यार के लिए तरसी हु. मैंने कहा – अब नहीं तरसोगी. बस, मेरा साथ देना होगा. फिर मैंने उसे धक्का दिया और वो पीछे पड़े बेड पर गिर गयी. मैं अब जम्प करके उसके ऊपर टूट पड़ा.

मैं उसको पागलो की तरह चूम रहा था. वो एकदम पागल हो गयी और मैं उसके बूब्स दबाने लगा. अपने एक हाथ को उसकी चूत पर ले गया और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा. फिर, मैंने अपने सिर को नीचे किया और अपने दोनों दातो से उसकी सलवार का नाडा खोल दीया. उसे थोडा ऊपर करके उसकी कमीज़ भी उतार दी और उसकी सलवार भी नीचे गिरा दी. अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में ही मेरे सामने खड़ी थी. उसके बदन को देखकर, मैं तो बस पागल ही हुए जा रहा था. मैं उसके बदन की तारीफ़ करने लगा. वो मेरी तारीफ़ से पागल हो गयी. उसके पेंटी भी अबतक गीली हो चुकी थी.

मैंने उसके बदन को चूमना शुरू किया.. उसकी नाक.. उसके होठो को… गालो को… उसके मम्मो को… जो मुझे पागल बना रहे थे. मैंने हाथ पीछे बढाकर, उसकी ब्रा उतार दी. क्या मम्मे थे… बाप रे! ब्राउन … बड़े- बड़े … निप्पल..मुलायम स्किन.. गहरी नेवल. मैं तो बस पागल हुए जा रहा था. वो भी पागलो की तरह मेरे बालो को नोच रही थी.

वो बार-बार, मेरे सिर को नीचे दबा रही थी. शायद वो अपनी चूत चटवाना चाहती थी. जिसमे मैं काफी एक्सपर्ट हु. पर मैं उसे और तड़पाना चाहता था. इसलिए वापिस ऊपर की तरफ बड गया. मैंने उसके मम्मो को चूस रहा था. उसने अपनी टाँगे फैला रखी थी. और मैं उसकी टांगो के बीच से उसके ऊपर चड़ा हुआ था. उसने सिर्फ कच्छी ही पहन रखी थी. जिस वज़ह से उसकी चूत पर मेरा खड़ा लंड टकरा रहा था. जो उसे पागल बना रहा था.

मैंने फिर उसकी नेवल पर अटैक किया. उसकी नेवल की गहराई अपनी जीभ से नापने लगा. वो पागल होने लगी थी. उसने फिर मुझे नीचे की ओर धकेला. मैं अब नीचे की तरफ बढ़ा और उसको किस करता हुआ, पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को चाटने लगा. फिर अपने दातो से उसकी कच्छी उतार दी. उसने अपनी टांग ऊपर कर ली और मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रखा, एकदम परफेक्ट चूत थी उसकी…. एकदम गुलाबी. वो एकदम अनटच लग रही थी.. क्लीन शेव. मैंने एकदम से उसकी चूत पर अपनी जीभ लगा दी. वो एकदम से उछल पड़ी. अपनी करम को आगे बढ़ाकर ऊपर उठा ली. उसने अपनी टांगो को चौड़ा लिया था. वो मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थी. क्या मस्त खुशबु थी … उसकी चूत की.

मैं तेज-तेज जीभ उसकी चूत पर घुमाने लगा. कुत्ते की तरह चाटने लगा.. उसकी चूत से निकले हुए झाग को साफ़ करने लगा. जीभ से उसकी गहराई को नापने लगा. उसने मेरे सिर को जोर से पकड़ा और अपनी चूत में जोर से दबाया. एकदम से अहहहः अहहहीईई.. मर गयी साहिल… अहहः… करते हुए झड गयी. फिर मैं ऊपर की तरफ बढ़ा और उसे चूमने लगा. थोड़ी ही देर में, वो फिर से गरम हो गयी.

फिर वो मेरे ऊपर आ गयी. और मेरे कपड़े खोलने लगी. मेरी पेंट खोलते ही वो हैरान रह गयी. मैंने पूछा, कि क्या हुआ? तो उसने कहा – इतना बड़ा. मैं लुंगी कैसे? मैंने कहा – टेंशन ना लो. सब हो जायेगा. पहले इसे चुसो. फिर वो मना करने लगी. मैंने उसे एक थप्पड़ मारा. फिर जाकर वो मानी. और लंड को मुह में लेकर चूसने लगी. मुझे मज़ा आने लगा. काफी देर तक लंड चूसने के बाद, उसके मुह में ही झड़ गया. और वो मेरा सारा पानी पी गयी. मेरा लंड अभी भी खड़ा था. मैंने उसे पलटी मारकर नीचे लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. उसकी टांगो को ऊपर उठाकर अपने लंड को उसकी चूत पर सेट किया.

एक ही धक्के में पूरा लंड उसकी चूत में गुसा दिया. वो एकदम से चिल्ला उठी. ऊऊउईईइ..म्मम्मम्म साहिल… पीछे हटो… बहुत दर्द हो रहा है. नहीं बर्दाश्त हो रहा है. मैंने उसके होठो को अपने होठो से बंद कर लिया और कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा. थोड़ी देर में, उसका दर्द कम हुआ और मैंने धक्के मारने शुरू कर दिए. उसका दर्द अब मज़े में बदल चूका था और वो कमर उठाकर मेरा साथ देने लगी थी.

मेरे दक्को की स्पीड तेज होने लगी थी और वो भी झड़ने वाली थी. उसके झड़ने के तुरंत बाद ही, मैं भी तुरंत झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया. कुछ देर बाद, हम उठे और कपडे पहनकर बाहर आ गये. उसने कहा – आज तुम ने जो मज़ा मुझे दिया है, तो  मुझे पहले कभी नहीं आया. फिर मज़ा लेना चाहती हो… तो मिलती रहना. अब हमें जब भी मौका मिलता है, वो मुझे बुला लेती है और हम दोनों खूब एन्जॉय करते है.

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