Tuesday 4 August 2015

बेवफाई का बदला

हेलो, मेरा नाम पुष्पा है और मैं २९ साल की मैरिड लेडी हु. मेरा फिगर ३६-३०-३६ है. मेरे हसबैंड जो की बिज़नस में है, मोंठ में एक- दो बार बाहर ही रहते है. मैं वैसे तो नैनीताल की रहने वाली हु, पर शादी के बाद से दिल्ली में रहती हु. मेरे हसबैंड रवि की फॅमिली में एक बहन के सिवा कोई नहीं है. हमारी लव मैरिज हुई थी. शादी के बाद, मेरा भाई भी मेरे ही पास आ गया था पढने के लिए और उसके बाद जॉब करने लगा. ग्राउंड फ्लोर पर मैं और मेरे पति रहते है और मेरा भाई राहुल को हमने फर्स्ट फ्लोर पर एक रूम दे रखा है और वहीँ उसी फ्लोर पर रवि की बहन पूजा भी एक कमरे में रहती है. उसके ऊपर वाले फ्लोर पर, हमने २ कमरे किराये पर दे रखे है.

तो अब ज्यादा बोर ना करते हुए, स्टोरी शुरू करती हु. ये मेरी रियल स्टोरी है १००%. कुछ भी काल्पनिक नहीं है. मेरी बर्बादी की शुरुवात हुई ४ साल पहले. जब मैं मार्किट गयी थी. रवि उस दिन घर पर ही थे. मैं मार्किट पहुच तो गयी, लेकिन सामान लेने के बाद, मैंने अपने पर्स को देखा तो पता लगा, कि पैसे तो मैं घर ही भूल आई थी. मैं वापस घर आ गयी और मैंने घर की डोरबेल बजायी. २ मिनट बाद, कामवाली ने दरवाजा खोला. तो वो हडबडा गयी. मैंने इग्नोर किया और अन्दर गयी; तो डेल्हा रवि सो रहे थे. मैंने पर्स लिया और वापिस मुड़ी. तो मेरी नज़र अचानक मेरे पलंग के पास पड़ी हुई ब्रा पर पड़ी. हैरानी की बात ये थी, कि वो मेरी ब्रा नहीं थी. मुझे सारा माजरा समझ में आ गया था. अब मुझे ये भी समझ आ गया था, कि मुझे देखकर काम वाली क्यों घबरा गयी थी. मैं चुपचाप चली गयी मार्किट. मार्किट जाने का मन नहीं था, तो २ घंटे पार्क में बैठकर वापिस घर आ गयी. तब तक, मेरी काम वाली भी चली गयी थी.

अब मेरे मन ये ये बात बैठ चुकी थी, कि रवि का पता नहीं, किस-किस से रिलेशन होंगे? लेकिन मैंने किसी को कुछ नहीं कहा. नेक्स्ट डे, रवि चले गये बिज़नस के काम से. मेरे दिमाग में, अभी भी यही बात घूम रही थी. रवि को इन सब बातो के बारे में बोलना का मतलब था, अपने घर में आग लगा लेना. अब मेरे मन में एक बात आने लगी थी, कि पूजा को किसी से चुदवा दू या मैं खुद किसी से चुद जाऊ; तो शायद बेफवाई का बदला लिया जा सके. मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था. तभी एक डीलर आ गया, हमारा टॉप फ्लोर खाली पड़ा था. उसे रेंट पर देना था. मैंने डीलर को चाबी दी और वापिस आ गयी. कुछ देर बाद, डीलर वापिस आया और उसने मुझे किरायेदार से मिलवाया. वो एडवांस रेंट देकर चले गया. वो २४- २५ साल का ६ फुट का शादीशुदा लड़का था और उसका नाम अरुण था. नेक्स्ट डे, वो शिफ्ट भी हो गया. उसकी वाइफ अभी गाँव में ही थी. वो हिमाचल का रहने वाला था, उसने मेरा नंबर लिया; कि अगर उसे कोई काम पड़े, तो वो कॉल कर सके. वो वहां जॉब कर रहा था. २-३ दिन तक सब नार्मल चलता रहा.

फिर १ दिन, उसका व्हाट अप्प पर मेसेज आया, कि आज मैं दोस्त के पास जाऊंगा. अप्प गेट बंद कर लेना. मैंने ओके लिखा और बात ख़तम हो गयी. २ दिन बाद, रात को कोई ९ बजे उसने व्हाट अप्प पर कोई जोके भेजा, तो मैंने उसकी हंसी वाली स्माइल भेज दी. फिर, मैंने उससे थोड़ी देर बात की और बाद में सो गयी. अब धीरे- धीरे, हम लोगो की रात में व्हाट अप्प पर बात होने लगी थी. रवि होते थे, तो वो मेसेज नहीं करता था. उससे बात करके मेरा भी टाइम पास हो जाता था. फिर रवि १ मंथ के लिए नागपुर गये. हम लोगो की बातें बढ़ने लगी और मैं उससे उसकी बीवी के बारे में पूछती, तो वो मुझे बोलता कि वो आप के जैसे सुंदर नहीं है. फिर एक दिन उसने अचानक से मुझे प्रोपोज कर दिया. मुझे भी वो अच्छा लगने लगा था और मैं रवि से बेवफाई भी करना चाहती थी. मैंने उसे हाँ बोल दिया. लेकिन, उस समय तक मेरे मन में सेक्स की बातें नहीं थी.

धीरे- धीरे बातें बढ़ते- बढ़ते वो किस तक आ गया और मैंने उसको मना किया, तो उसने बोला – प्यार में इतना तो हक बनता ही है. रवि को गये १० दिन बीत चुके थे. मैंने उसको कहा – जब मौका आएगा, तब किस के बारे में सोचेंगे. उसने कहा – अभी आ जाता हु नीचे. मैंने उसको मना किया. तो उसने कहा – कोई बात नहीं, आप मुझे चाय ही पिला देना. इस बहाने आप से थोड़ी देर गप्पे ही लगा लूँगा. मैं ओके कहा और वो नीचे आ गया. मैंने उसे चाय पिलाई और हम बैठ पर बैठ गये और बातें करने लगे. उसने फिर से किस की बातें शुरू कर दी. वो बहुत कह रहा था, तो मैंने उसको हाँ कर दी और साथ ही उसको कहा, कि कहीं और टच नहीं करोगे. वो बोला, ठीक है. वो मेरे बगल में आ गया और उसने कहा कि लेट कर करेंगे. मैं सीधा लेट गयी और वो मेरे साइड में आ गया. उसने अपने लिप मेरे लिप पर रखे और किस करने लगा. मुझे भी अच्छा लग रहा था. मैं उसे किस करते- करते हॉट हो गयी और मेरे मुह से कुम्हलाने की आवाज़ निकलने लगी. उसने अपने हाथ मेरे बूब्स पर रखे और उन्हें प्रेस करने लगा. मैंने उसको कुछ भी कहा. अब मेरा मन भी सेक्स करने का था.

उसने मेरी टीशर्ट के अन्दर हाथ डाला, मैंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी. उसका हाथ सीधा मेरे नंगे बूब्स से टकराया और वो उन्हें मसलने लगा था. अब उसने मेरे बूब्स को बाहर निकाला और मुह में लेकर उनको चूसने लगा. फिर उसने मेरे लोअर में हाथ डाल दिया. मेरी पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी. उसने अब मेरी चूत को सहलाना शुरू किया. कब मेरे शरीर से मेरे सारे कपड़े अलग हो गये, पता भी नहीं चला. उसने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए. अब हम ६९ के पोज में आ गये. वो मेरी चूत को चाट रहा था. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मेरे हसबंड ने ये कभी नहीं किया था. मैंने पहली बार, उसके लंड को देखा. करीब ८ इंच लम्बा और ३ इंच मोटा था. मुझे वो बड़ा प्यारा लगा. वैसे मैंने रवि का लंड कभी नहीं चूसा था. लेकिन उसके लंड के लिए मैंने अपने मुह को खोल दिया और उसके लंड को चूसने लगी.

10 मिनट तक यही चलता रहा और फिर वो मेरे ऊपर आया और मेरी टांगो को फैलाया और किस करने लगा. फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत पर रखा और १ जोरदार धक्का मारा. चूत गीली होने के कारण, पूरा लंड १ ही बार में चला गया. मुझे पेन हुआ, तो वो रुक गया. वो मुझे लगातार किस कर रहा था और मेरे बूब्स को दबा रहा था. अब मुझे अच्छा लगने लगा था, तो उसने धक्के मारने शुरू कर दिए. मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था. इतना मज़ा तो मुझे कभी नहीं आया था. थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद, उसने मुझे बेड से नीचे उतारा और बेड पर हाथ रख के झुकने को कहा. मैं झुक गयी, तो उसने पीछे से मेरी चूत में लंड डाला और जोर- जोर से चोदने लगा. करीब १० मिनट चोदने के बाद, उसने अपना सारा पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया. मैं अब तक २ बार, झड़ चुकी थी. मैं पस्त होकर बेड पर लेट गयी और वो भी आके मेरी साइड में लेट गया. मैंने उसे हग किया और एक लम्बा किस करके उसे आई लव यू बोला.

उस रात में, उसने १ बार और किया और फिर हम लोग अपने- अपने रूम में जाकर सो गये. इसके आगे की कहानी आपको बाद में बताउंगी. क्युकि कहानी बहुत लम्बी है. १ कहानी में सब बताना बहुत मुश्किल है. आगे आपको बताउंगी, कि कैसे मैं इस दलदल में गिरती चली गयी और मेरे हसबैंड की १ गलती ने मुझसे क्या- क्या नहीं करवाया.

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