Tuesday 4 August 2015

भाभी की गांड का मजा लिया

हेलो रीडर, मैं ऋषभ अम्बाला से. मैं पहली बार अपनी लाइफ की एक सेक्सी सी स्टोरी लिख रहा हु. मेरी ऐज २४ है और मैं एक ईसीई इंजिनियर की स्टडी कर रहा हु. मेरी हाइट ५.९ फिट है और बॉडी एवरेज है. मेरी फॅमिली में ४ मेम्बर है, माँ, डैड और मैं.
तो स्टोरी ये है फ्रेंड, कि मेरे ताऊ जी के लड़के की शादी हुई-हुई थी. उस समय मेरी ऐज १९ की थी. मैं हमेशा ही भाभी का दीवाना था. और ऐसा हो भी क्यों ना.. वो बहुत ही सुंदर और चिकने बदन की मल्लिका थी. वो हमेशा सलवार-सूट या पजामी सूट ही पहनती थी. मैं हमेशा उनको चुपके-चुपके देखा करता था. मेरी नज़र हमेशा ही उनकी छाती और गांड पर रहती थी.. मैं हमेशा ही उनके नाम की मुठ मारा करता था.

राजा भैया एक नंबर के शराबी है और विलेज में कोई काम ना होने के कारण वो ऑस्ट्रेलिया चले गये थे. उनके १ लड़का है और उसकी उम्र २ साल की है. भैया हमेशा ही भाभी को मारते और डांटते ही रहते थे. क्युकि वो एक नंबर की टेक्सी थी. ऐसा मुझे बाद में पता चला. मैं हमेशा से ही प्लान बनाता रहता था, कि उनको कैसे चोदु? मैं रोज कॉलेज के बाद छत पर चड़ जाता और उनको घूरते रहता था और सोचता था, कि उनको कैसे चोदु? उन्होंने कई बार, मुझे नोटिस किया था. मैं उनके घर नहीं जा सकता था, क्युकि हम दोनों फॅमिली की बनती नहीं थी और कुछ अनबन चल रही थी. ऐसे ही घूरते-घूरते २-३ महीने निकल गये.

एकदिन, मेरी किस्मत चमक ही गयी. मैं छत से भाभी को घुर रहा था. तभी उन्होंने मुझे इशारे से मोबाइल दिखाते हुए बुलाया. शायद फ़ोन में कुछ गड़बड़ थी. मैं अपनी फॅमिली से छुपते हुए, उनके घर चले गये. अन्दर जाते ही, उनका गोरा और ३२-२८-३४ का हुस्न मेरे सामने था. मेरा ६.६ इंच का लंड फुंकारे मारने लगा. मन कर रहा था, कि अभी इस रंडी की गांड को मार लू. फिर उन्होंने मुझे फ़ोन ठीक करने को कहा. मैंने देखा, कि फ़ोन में कोई प्रॉब्लम नहीं थी. फिर. मैंने उसने राजा भैया के बारे में बात शुरू की. वो सेड मूड में लग रही थी और कहने लगी, कि वो मुझसे बात नहीं करते है. मैं यहाँ बहुत अकेले हु. फिर मुझे बाहर अपने पड़ोसियों की आवाज़े आने लगी.

भाभी ने कहा – कि तुम जल्दी से चले जाओ, वरना कोई देख लेगा. मैं वापस छत कर रास्ते से अपने घर वापस आ गया. बाहर पड़ोसियो के यहाँ जागरण हो रहा था. मैं सोचता था, कि भाभी को आखिर चोदु कैसे? कुछ दिन ऐसे ही चले. मैंने उन्हें घुरना बंद नहीं किया. वो हमेशा मुझे देख कर स्माइल देती थी. बस अब मुझे एक मौके का इंतज़ार था और वो भी जल्दी ही मिल गया. राजा भैया के मामा की डेथ हो गयी थी. तो उनकी फॅमिली वहां जा रही थी. भाभी और इनका लड़का नहीं जा रहे थे. क्युकि उन्होंने काऊ और बुफ्फ्लो पाल रखे थे. उससे ठीक अगले दिन, भाभी हमारे घर आई और कहा – कि लाइट चली गयी है और घास भी काटनी है. ऋषभ को प्लीज भेज दो, मेरी हेल्प हो जायेगी. मैं ख़ुशी से लंड हिलाता हुआ, उनके पीछे चल दिया. वो मशीन में घास डालने लगी और मैं मशीन चला रहा था.

हम इधर- उधर की बाते कर रहे थे. तब उन्होंने कहा, कि तुम मुझे क्यों घूरते ही रहते हो. मेरी तो गांड फट के हाथ में आ गयी. ये तो मुझे पता था, कि वो चुदने के लिए तैयार है. लेकिन, साला डर लगता था, कि ये मेरी शिकायत ना कर दे. भाभी ने फिर पूछा – कि तुम मुझे घूरते क्यों हो? तो मैंने कहा – आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो. तो उसने कहा, कि ये गलत बात है. मैं तुम्हारी भाभी हु. उनकी नजरो से बिलकुल भी नहीं लग रहा था, कि वो मुझसे गुस्सा है. भाभी कहने लगी, कि तुम्हे कोई गर्लफ्रेंड बना लेनी चाहिए. तो मैंने कहा – कि भाभी आप जैसी कोई मिली ही नहीं. भाभी कहने लगी, मुझमे ऐसा क्या है? तो मैंने कहा – आप नाराज़ ना हो जाए.. अगर मैंने बता दिया तो. भाभी ने प्रोमिस किया, कि वो नाराज़ नहीं होंगी मेरे कुछ भी कहने से.

मैंने कहा – भाभी आपकी बॉडी बहुत सेक्सी है. भाभी ने कहा, कि अगर मैंने तुम्हारी शिकायत कर दी, तो तुम्हे बहुत डाट पड़ेगी. मैंने कहा – भाभी एक बार के लिए दिखा दो बॉडी. मैंने आगे से कभी नहीं कहूँगा. उन्होंने मुझे एनिमल्स वाले रूम में लेजाकर, अपनी कमीज़ ऊपर उठा दी. उनके खुबसूरत मम्मे मेरे सामने आज़ाद हो गये थे. मैंने उन्हें छुआ, वो बिलकुल मखमली थे. मैं उन्हें जोर से दबा दिया और फिर मैं उन्हें अपना मुह लगाकर चूसने लगा. भाभी नशे के सातवे आसमान में थी. मैंने एक हाथ को उनकी कमर में डाला और गांड को दबाने लगा. उनकी गांड बहुत ही बड़ी थी. वो मेरे दोनों हाथो में भी नहीं आ रही थी. भाभी ने अपने हाथ मेरी पेंट की ज़िप कर रखे और मेरे ज़िप को खोल दिया और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया. उसने कहा, कि तुम्हारा लंड तुम्हारे भैया से बड़ा है. भाभी ने कहा – कि वो हमेशा से ही वाइट लंड की दीवानी है. वो मेरे लंड को चूसने लगी. वो एकदम मस्त चूस रही थी. जैसे की कोई पोर्नस्टार.

मैंने कहा – भाभी मैं शुरू से ही तुम्हे चोदना चाहता था. मैं सातवे आसमान में था. वो पूरा लंड मुह में ले रही थी. मैंने उसके मुह को जोरदार झटको से चोद रहा था. वो बीच- बीच में खांसती रही. लेकिन, मैंने अपनी मस्ती में उसके मुह में अपने लंड को पेलना जारी रखा. मैंने उससे कहा, कि मेरा निकलने वाला है. उसने लंड मुह से निकाला और हाथ में पकड़ के हिलाने लगी. मेरा पानी उसके बूब्स पर गिर गया. दूसरी पिचकारी उसकी आँख में गिरी. वो मुह धोने चली गयी और मैं उसे चोदना चाहता था. बट मेरे पास कंडोम नहीं थे और मैं अपने घर वापस आ गया.

नेक्स्ट डे, मैं कॉलेज से आते टाइम कंडोम का पैकेट ख़रीदा और घर आ गया. भाभी हमारे घर पर ही थी. शायद वो मुझे ही बुलाने आई थी. मैंने भाभी से कहा, कि मैं थोड़ी देर में आता हु. ३० मिनट के बाद, मैं उसने घर पर गया और घास काटने में हेल्प करने लगा. क्युकि कोई भी आ सकता था और मैं हाथ आई, मुर्गी को गवाना नहीं चाहता था. जब काम ख़तम हुआ, तो भाभी ने मुझे कहा, कि पीछे रूम में आ जाओ. मतलब एनिमल्स वाला रूम.

मैं उनके पीछे लंड हिलाता हुआ और उनकी मस्त गांड को घूरता हुआ उनके पीछे- पीछे चल दिया. रूम में जाते ही, मैंने उन्हें पीछे से जकड लिया और अपना लंड उनकी गांड में दबा दिया. टाइम ना गवाते हुए, मैंने उनकी कमीज़ को उनके बूब्स के ऊपर कर दिया और पागलो की तरह उनके बूब्स को चाटने और चूसने लगा. वो नशे में चूर हो चुकी थी. मैंने उनकी सलवार को उतारा और गांड पर मुह रखके उनके रेडिश मख्खन की तरह कुलहो को चाटने लगा. १० मिनट चाटने के बाद, मैंने उन्हें नीचे बैठने को कहा और उनके मुह में अपना लंड पेल दिया.

फिर कंडोम का पैकेट खोला और उसे लंड पे चढ़ाया. भाभी चुदवाने के लिए मरी जा रही थी. मैंने थूक लगाया और पहली बार में ही उनकी चूत में लौड़ा ठोक दिया. इतने सालो की भड़ास में जोरदार झटको से निकाल रहा था. ५ मिनट के बाद ही, भाभी कांपने लगी और मैं समझ गया कि उनका पानी निकल चूका है. १० मिनट बाद, मैं भी झड़ गया. उस दिन, मैंने उनकी २ बार गांड भी मारी.

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