Monday 3 August 2015

पायल बहन की सिल तोड़ी

हेलो रीडर, माइसेल्फ ऋषि और मैं अपनी एक स्टोरी लेके आपके सामने हाजिर हु, कि कैसे मैंने अपनी बुआ कि बेटी कि सील तोड़के उसकी हवस मिटाई. मैं इस वेबसाइट का बहुत बड़ा फैन हु और पिछले २ साल से लोगो की कहानिया और उनके अनुभव पढ़ रहा हु. ऐसा कोई दिन नहीं जाता है, जब मैंने रात को सेक्स कि स्टोरी ना पढ़ी हो. मैंने आपसे पहले भी अपना एक सेक्स अनुभव शेयर किया था “पड़ोसन भाभी कि खुजली मिटाई”. आप सब लोगो ने उसे बहुत पसंद किया और मुझे आप लोगो का बहुत प्यार मिला. आप लोगो का प्यार देखकर मुझे अपने और ज्यादा सेक्स अनुभव यहाँ शेयर करने का मन कर रहा है और आज भी मैं आपके लिए कुछ मस्त, सेक्सी और गरम अनुभव लाया हु.
एकबार, मैं फिर से अपने बारे में बता दू; कि मैं एक मेल एक्स्कोर्ट या जिगोलो हु और मैं दिल्ली में रहता हु. मैं २२ साल का हु और मेरा रंग साफ़ है. मैं बहुत ही फ्रेंकली और स्वीट बॉय हु और लंड ऐसा है, कि किसी भी लेडी को हर तरह से सेटिसफाई कर दे. मेरी बुआ की बेटी नाम पायल (नाम चेंज) है और उसका रंग गोरा है गुलाबी होठ, सॉफ्ट स्किन, बड़ी-बड़ी आँखे लाइट ब्राउन है.

उसका फिगर ३६-३२-३४ है. वो एक चलता फिरता बम है. जो उसे देखले उसकी आँखे खुली रह जाए और मैं ये कह सकता हु. कि मेरी बुआ कि बेटी कि हरकतों कि वजह से ही मेरा ध्यान सेक्स की तरफ गया. बुआ की फिगर और भी ज्यादा मस्त है. मेरी रूचि सेक्स में इतनी बढ़ चुकी थी, कि आज मैं एक जिगोलो हु. अब मैं स्टोरी पर आता हु. ये कहानी मेरे बचपन से ही शुरू हुई. जब मैं छोटा बच्चा था. उस समय वो १८ या १९ की थी. तब भी उसकी चूची और गांड के उभार बहुत बड़े थे. उस समय मुझे सेक्स कि ज्यादा समझ नहीं थी. मेरी बुआ का घर मेरे घर से थोड़ी ही दुरी पर था. मेरे फूफा जी कि शॉप है और वो सुबह जल्दी चले जाते है और देर से ही आते है. स्कूल से आने के बाद, मैं बुआ के घर चले जाता था और दीदी के साथ विडियो गेम खेलता रहता था. एक दिन जब मैं उसके साथ गेम खेल रहा था और बुआ दोपहर को छत पर कपड़े गयी. जिस समय मेरी बुआ छत पर कपड़े सुखाती थी, उसी समय बराबर वाली आंटी भी कपड़े सुखाने छत पर आती थी.

वो दोनों आपस में बातें करने लग जाती थी और घंटो तक बतियाती रहती थी और नीचे नहीं आती थी. उस दिन, बुआ के जाते ही वो बोली – मुझे एक नया गेम आता है, जो बेड पर लेटकर खेलते है. बहुत मजेदार गेम है. दोनों को बहुत मज़ा आएगा. खेलगा मेरे साथ. मैंने कहा – ठीक है दीदी. उस रूम में एक सिंगल बेड था. वो पहले लेट गयी. मैंने कहा – मैं कहाँ लेटू. वो बोली – मेरे ऊपर लेट जा. ये गेम एक दुसरे के ऊपर लेट कर ही खेलते है.मैं लेट गया.थोड़ी देर तक लेटा रहने के बाद वो बोली – अपना सिर मेरे सीने पर रख. मैंने रख दिया और वो धीरे- धीरे हिलने लगी. मेरा लंड उसके पेट से रगड़ रहा था. अब वो मुझसे कहने लगी. मेरी गर्दन को चूम. मैं उसे चूमने लगा. वो बोली – अब नीचे से हिलाके इसे मुझपर रगड़ और अपने हाथ से मेरे दुधु दबा. मैं अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा और मेरा लंड खड़ा होने लगा. मेरे पेटमे गुद्गुद्दी होने लगी थी. उसने मेरे होठ चूसने शुरू कर दिए. वो मस्ती में मेरा लंड रगड़वा रही थी.

फिर, वो बोली – अब मेरी चांस. तू नीचे लेट. अब वो अपनी चूत मेरे लंड पर रखकर बैठी और जोर-जोर से रगड़ने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. कभी मैं उसके ऊपर लेटकर अपने लंड को रगड़ता और कभी वो मेरे ऊपर आकर अपनी चूत को मेरे लंड से रगडती. हमने अभी तक कपड़े नहीं उतारे थे. फिर, वो बोली – अपना हाथ मेरी पजामी के अन्दर डाल. मैंने हाथ अन्दर दिया. अन्दर थोड़े बाल थे. तब तक मेरी झांटे नहीं आई थी. मैंने उसको कहा – तुम्हारे नीचे तो बाल है, पर मेरे नहीं है. वो बोली – तेरे भी आ जायेंगे. जब तू बड़ा हो जाएगा. इन बालो के नीचे हाथ रख और अपनी ऊँगली अन्दर डाल और हिला. मैंने अपनी ऊँगली उसकी चूत के अन्दर डाल दी और रगड़ने लगा. वो अपनी गांड हिलाने लगी और अहहहाहा उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ स्स्सस्स्सीईईईइ… कर्ताआआआ रहह्ह्ह्हह.. कहने लगी. थोड़ी देर बाद, मेरा हाथ गीला हो गया. उसने एकदम मुझे अपनी बाहों में दबा लिया और फिर मैंने हाथ बाहर निकाल लिया और स्मेल किया.. तो एक अजीब सी स्मेल आ रही थी. मैंने कहा – अब नहीं करना मुझे. मेरा हाथ गन्दा हो गया. वो बोली – अच्छा मत कर… लेटकर खेलते है.

अब वो उलटी लेट गयी और अपना लंड मेरे चुतड के बीच में फिट करके रगड़. उसने पतली सी पजामी पहनी थी. जो उसकी गांड से चिपकी हुई थी. मैंने अपना लंड उसकी गांड में फिट किया और रगड़ने लगा. मैं उसके ऊपर लेट गया और उसने मेरे हाथ अपनी चुचियो पर रखे और बोली – दबा इन्हें. मैं दोनों हाथो से उनकी चुचिया दबा रहा था. कभी वो अपना मुह साइड में, करके अपने होठ को चुसवाती, कभी अपनी कमर चटवाती. मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था. पर मुझे उस वक्त ये सब बस एक गेम ही लगा था. एकदम बुआ के आने कि आवाज़ आई. वो एकदम खड़ी हुई और बोली – मम्मी को इस गेम के बारे मत बताना. ये एक सीक्रेट गेम है, इसके बारे में किसी को बताना नहीं है. मैंने कहा – ठीक है दीदी. फिर हम विडियो गेम खेलने लगे. अब हम रोज़, बुआ के छत पर जाने के बाद, हम दोनों ऐसा ही किया करते थे. ऐसा करते-करते बहुत टाइम बीत गया. अब मैं सेक्स के बारे में सब कुछ जान चूका था. वो भी कॉलेज जाने लगी थी.

मेरी नज़र अब मेरी बुआ पर रहने लगी थी. मैं अपनी बहन को चोदना नहीं चाहता था. मैंने उससे बोलना कम कर दिया था. इस बीच बुआ ने घर चेंज करके बड़ा घर ले लिया था और घर चेंज करने के बाद, मैं अपनी बुआ को चोद चूका था. बुआ के तन में भी बहुत आग लगी हुई थी और उनके साथ सेक्स की स्टोरी, मैं आप लोगो के साथ पहले ही शेयर कर चूका हु. अब उनकी बेटी चुदने के लिए बेक़रार थी और अब वो मुझे हवस कि नजरो से देखने लगी. बुआ को चोदने के बाद, मैंने फैसला किया. कि मैं अब उनकी बेटी को भी चोदुंगा. कई साल बीत चुके थे. मैं भी जवानी में कदम रख चूका था और वो अपनी भरपूर जवानी में थी. वो एकदम सेक्स बम बन चुकी थी. एकदिन जब मेरे बुआ-फूफा और मेरे मम्मी-पापा सुबह- सुबह ही शहर के बाहर एक शादी में गये हुए थे और रात को देर से आने वाले थे. मेरा मन नहीं था उनके साथ जाने का और मेरी बुआ कि बेटी के एग्जाम थे. तो हम दोनों उनके साथ नहीं गये. मैंने सोचा, मौका अच्छा है, आज ट्राई करता हु. तो मैं सुबह ११ बजे के आसपास बुआ के घर गया और हम दोनों सोफे पर बैठे हुए टीवी देख रहे थे.

वो बोली – अब तू मुझसे बोलता क्यों नहीं है? मैंने बोला – ऐसी बात नहीं है. बस मौका नहीं मिलता. आज मिल गया है. वो समझ गयी, कि मैं क्या कह रहा हु. पर जानबुझकर अनजान बनकर पूछा – कैसा मौका? मैं बोला – वो सीक्रेट गेम पूरा करने का. वो मुस्कुरा दी. मैं उसके करीब खिसक गया और उसके पेट पे हाथ फेरने लगा और दुसरे हाथ से उसके गालो को सहलाने लगा. उसने एकदम से मेरी ऊँगली अपने मुह में ले ली और चूसने लगी. फिर मैं उसके होठो को चूसने लगा ऊऊउम्म्म म्म्मम्ह्हह्ह.. हम दोनों एक दुसरे के मुह में जीभ डालने लगे. मैं उसकी चुचिया दबा रहा था और वो मेरे लंड को अपने हाथ से जोर-जोर से भींच रही थी. वो कह रही थी – “निकाल ना इसे बाहर”. मैंने अपना लोअर नीचे किया और लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया. वो मेरे लंड को धीरे- धीरे सहला रही थी. मैं उसकी चुचियो को मसलने लगा और हम दोनों एक दुसरे के होठो को चूसने लगे. मैं उसके होठो को अपने होठो में दबाकर चूसने लगा ऊऊऊउह्ह्ह्ह.

अब मैंने अपनी जीभ उसके मुह में डाल दी और उसके पुरे मुह में अपनी जीभ घुमाने लगा और उसके मुह में घुमती हुई मेरी जीभ से उसे बहुत मज़ा आ रहा था. वो मेरे लंड को पकड़कर मुठ मार रही थी. मेरा लंड तनकर पठार जैसा कड़क और बहुत गरम हो गया था. उसने मेरा लंड फट से अपने मुह में ले लिया. वो उसे हब्शियो कि तरह चूस रही थी. उसके गरम थूक से मेरा लंड पूरा चिकना हो गया था और वो मेरा लंड इतनी तेजी से चूस रही थी, कि मेरा लंड पूरा लाल हो गया. दस मिनट तक उसने मेरे लंड कि ताबड़तोड़ चुसाई की. फिर, उसने मेरा लोअर निकाल दिया. मैंने नीचे अंडरवियर नहीं पहना था. फिर मैंने अपनी टीशर्ट भी निकाल दी. अब मैं उसके सामने बिलकुल नंगा था. मैंने भी उसकी सलवार का नाडा खोल दिया और वो झट से नीचे सरक गयी. उसकी पेंटी एकदम भीग चुकी थी. मैंने उसकी पेंटी उतारी और उसकी टांगो को खोलकर उसकी चूत के सामने मुह करके नीचे बैठ गया. एक हाथ कि दो उंगलिया मैं उसके मुह में दे दी.

वो मेरी उंगलियो को ऐसे चूस रही थी, जैसे कि मेरा लंड चूस रही हो. दुसरे हाथ से मैंने उनकी चूत में ऊँगली करना जारी रखा. वो उफ्फ्फफ्फ्फ़ अहहहः .. करने लगी. उसकी आवाज सुनकर मुझे मज़ा आना शुरू हो गया. वो अपने हाथो से मेरे सिर को सहलाने लगी और मैं तेज- तेज ऊँगली करने लगा. पच-पच-पच-पच-पच की आवाज़ होने लगी. उसे दर्द भी हो रहा था, क्योंकि सील भी नहीं टूटी थी. मुझे मज़ा आ रहा था और १० मिनट बाद उसकी चूत का रस मेरी उंगलियों पे बहने लगा. मैं उनकी चूत के दाने को होठो से चूसने लगा और जीभ से चाटने लगा, बहुत अच्छा टेस्ट था उसकी चूत का. मैं अभी भी उसको उंगलियों से चोद रहा था. वो झड गयी और उसका सारा रस निकल गया. वो बोली – बचपन के गेम का मतलब समझ आ ही गया तुझे. मेरे दिमाग में पहले की सब बातें घूम रही थी और मेरे अन्दर एक करंट सा दौड़ गया. मैं उसपर टूट पड़ा. मैंने उसका कुरता एक झटके में उतार दिया और उसकी ब्रा पीछे से खुली हुई थी. उसने कुरते में ही लिपट कर उतार गयी.

कुरता उतारते ही.. जो उसके ३६ साइज़ के गुब्बारे जैसे मोटी और गोरी चुचिया देखी, मैं तो पागल हो गया. वो बिलकुल नंगी थी और एकदम पोर्नस्टार लग रही थी. मैं उसकी चुचियो के बीच में मुह डालकर चुचियो को चाटने लगा. उसकी चूची मैंने चाट-चाटकर बिलकुल चिकनी कर दी थी. जिस सोफे पर मैंने अपनी बुआ को चोदा था… उसी पर उसे लिटा दिया और उसकी चुचियो के बीच में अपना लंड पकड़कर रगड़ने लगा. उसने अपने हाथो से चुचियो को दबा लिया और अपने होठो को नीचे झुका लिया. अब मेरा लंड उनकी चुचियो के बीच से रगड़ते हुए, उसके मुह तक पहुचने लगा. उसने अपनी जीभ लम्बी बाहर निकालकर मेरे लंड के सुपाडे को चाटना शुरू कर दिया. करीब २० मिनट तक हम ऐसे ही करते रहे. मैं झड़ने वाला था. मैंने उसके मुह के अन्दर ही पिचकारी मार दी. उसे एक सेकंड में सारा माल पी लिया और मैंने एकदम लंड उसके मुह में दे दिया और चूसने को कहा. जिससे लंड टाइट ही रहे. अब चुदाई की बारी थी. मैंने सोफे पर ही, उसकी टांगो को खोलकर लिटा दिया और उसकी तान्गोको पकड़कर उसकी चूत में लंड घुसाया. उसकी चूत बहुत टाइट थी और चिकनी हो रही थी, तो लंड बार- बार फिसल जाता.

२ बार ऐसा ही हुआ.तीसरी बार, मैंने धीरे से उसकी चूत के छेद में अपने लंड कि टोपी फिट करके एक जोरदार झटका मारा और आधा लंड उसकी चूत के अन्दर दे दिया. वो बहुत जोर से चिल्लाई.. आआआईईईईइऊऊऊऊऊऊऊउ… निकालो.. वरना ,, मर जाउंगी.. प्लीज निकाल लो बाहर. मैंने एकदम उसके मुह पर हाथ रखकर उसके मुह को बंद किया. वो तड़पने लगी. मैं ऐसे ही रहा. कुछ देर में, वो शांत हो गयी. उसकी चूत में से थोड़ा सा खून निकला और जमीन पर टपकने लगा. अब उसका खून निकलना बंद हो गया था. मैं फिर से हलके-हलके धक्के मार रहा था और मेरा लंड उसकी चूत में समां गया. अब वो भी मस्त होक अपनी गांड हिला- हिलाकर चुद रही थी. वो कह रही थी.. अहहहहाहा ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्… मज़ा आ रहा है…आअहाहहह … जानू… चोद मुझे… और तेज चोद… और मैं उसको तेजी से चोदने लगा. मैं भट्टी कि तरह जल रहा था और हम दोनों पसीनो में लथपथ थे. मैं उसके ऊपर लेटकर ताबड़तोड़ धक्के मार रहा था और उसकी गर्दन और चुचियो को जीभ से चाट रहा था.

चुदाई शुरू होने के दस मिनट बाद ही वो दूसरी बार झड़ चुकी थी. उसके झड़ते ही, मैंने उसे सोफे के कोने पर (जहाँ से सोफे ऊँचा होता है) उल्टा लिटा दिया. मैं खड़ा हो गया और मैंने उसकी चूत में लंड घुसा दिया. अब वो ज्यादा आवाज़ नहीं कर रही थी. बस मस्ती में चुद रही थी अहहहः अहहहः आहाहह्ह्ह्ह कर रही थी. मैंने एक हाथ से उसकी चुचियो को टाइट पकड़ा और दबाने लगा और दुसरे हाथ को उसकी गांड पर मारके उसे चोदने लगा वो अहहहहः उफुफुफ्फफ्फ्फ्फ़..और तेज.. और तेज कहने लगी. मैं भी अपनी स्पीड बढाकर बहुत तेज धक्के मारने लगा. आहाहाहा अहहहः …. बहुत मज़ा आ रहा था. उसकी गांड पर मैंने हाथ मारके पूरी लाल कर दी थी. मैं उसके ऊपर झटके और उसकी कमर पर जीभ फेरने लगा. २० मिनट एक उसकी ऐसे ही चुदाई चलती रही. अब वो झड़ने वाली थी और मैंभी झड़ने वाला था. मैं उसका काम चूसने लगा और वो एकदम झड़ गयी. अब मैं भी झड़ने वाला था. मैंने कहा – गांड पर ही झाड़ दू? उसने अपनी गर्दन हिलाकर हाँ का इशारा किया.

तभी मेरी पिचकारी निकलने वाली थी और मैंने अपना सारा माल उसकी गांड पे झाड़ दिया. अपने लंड से उसकी गांड पर अपने माल को मल दिया. मेरे लंड पर भी मेरा माल चिपक गया था. तो मैंने उसे लंड चुसके माल साफ़ करने को कहा, तो उसने मेरा लंड अपनी जीभ से चाटके एकदम साफ़ कर दिया. फिर, हम दोनों एक दुसरे से लिपट कर लेट गये और शाम एक मैं २ ट्रिप ओअर मारी और उसकी हवस मिटाई. फिर हमने बाद में, कई बार सेक्स किया. अब उसकी शादी हो चुकी है और उसके एक बच्चा भी है. वो बहुत खुश है. तो कैसी लगी आपको मेरी स्टोरी.. मेरे बचपन से ही बहुत ही औरतो ने मेरे लंड को छेड़ा है.. और अब मैं उन सबको एक- एक करके चोद चूका हु. अब सेक्स मेरा प्रोफेशन बा चूका है, चुकि मैं एक जिगोलो बन चूका है. अब मैं अपने सारे सेक्स अनुभव एक-एक करके आप लोगो के साथ शेयर करता रहूँगा.

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