Saturday 1 August 2015

मैं बनी लंड की गुलाम

हाय फ्रेंड्स आई ऍम नेहा ये मेरी पहली कहानी हे जो में आप सभी को बताने जा रही हूँ. और उम्मीद हे आप सभी को ये कहानी पसंद आएगी और में अपनी इम्पोर्टेन्ट फीडबेक देना मत भूलियेगा.
तो अब मे कहानी पे आती हूँ. में एक छोटी से सिटी बिलासपुर की रेहने वाली हूँ ये कहानी तब की हे जब में रायपुर से अपना ग्रेज्युएसन कर रही थी और में दिखने में काफी सुन्दर हूँ. और मेरा फिगर भी एसा हे की बॉयज का मिजे देखने के साथ ही खड़ा हो जाए वेसे मेरा फिगर ३०-२८-३६ हे और डार्क लॉन्ग हेर्स हे और कलर भी बहोत फेर हे.
तो अब कहानी पे आटी हूँ. में जब कॉलेज आई तो मेरे लिए सब नया था. इससे पेहले में गर्ल्स स्कूल से पढ़ी थी. तो बॉयज लोग के साथ थोडा डिफरेंट टाइप का फिल हो रहा था. और में फर्स्ट दे में एक यलो कलर का स्लीवलेस टॉप और ब्लेक जिन्स पहेन के गयी थी. और में बहोत हॉट लग रही थी. और में क्लास में आगे से सेकंड रो में बेठ गयी और मेरे साथ मेरी रूम मेट दिव्या भी थी हम लोग साथ में बिलासपुर में पढ़ते थे.

हमारे बेंच के पीछे से किसी ने आवाज लगाई. और इंट्रोड्यूस किया. अपने आप को और वो विवेक रहा. वो दिखने में स्मार्ट और मस्कुलर टाइप था. और उसे देख के कोई भी लडकी पागल हो जाए तब हमने बस नेम एक्सचेंज किये और हाय हेल्लो किया मुझे ज्यादा लडको से बात करने की आदत नहीं थी. तो थोडा अजीब लग रहा था. पर अच्छा भी लग रहा था एक तो कोई टोकने वाला नहीं था दूसरा सब नये नये थे. फिर कुछ दिन बाद फ्रेसर पार्टी थी. उसमे हम लोग फिर थोडा बाय करना चालू किया. और कुछ दिन बाद हम लोग बहोत अच्छे फ्रेंड्स बन चुके थे. में दिव्या और विवेक अक्सर मूवी वगेरा भी साथ जाते. पर में नोटिस करती के विवेक दिव्या के साथ थोडा कम्फर्टेबल फिल नही कर रहा था.

बाद में आरव डीक्य फ्रेंड भी हमारे ग्रुप में जॉइन हो गया. वो दिव्या का बॉयफ्रेंड था जो वही कोई कॉलेज से एम बी ऐ कर रहा था हम लोग अब कॉलेज के बाद अक्सर साथ गुमने जाते थे और खूब मस्ती करते थे.और कभी कभी मस्ती में आरव और वेवेक के साथ सिगरेट और ड्रिंक भी ले लिया करते थे आरव का बर्थडे था हम सब पार्टी करने विवेक के फ्लेट गए. वह आरव उसके दो फ्रेंड्स विवेक में और दिव्या थे. उस दिन में रेड कलर का १ पिस पहने हुई थी.

उसमे में बहोत हॉट और सेक्सी लग रही थी. और थोडा स्लिवेज भी दीखता था. मुझे देखते साथ विवेक बोला आज तो लगता हे हम सब को अपना दीवाना बना लोगी और हम सब हसने लगे. वह सब विस्की के एक दो पेग लगाये और फिर दिव्या और आरव रूम में चले गए. उस टाइम तक आरव के फ्रेंड्स जा चुके थे. में और विवेक हॉल में बेठे थे और पीछे रूम से दिव्या की मोअन करने की जोर जोर से आवाज़े बहार आ रही थी.

उसे सुनके मेरी भी गरम हो रही थी. मुझे फिल हो रहा था की मेरी चूत से गिला गिला कुछ लिक्विड बहार आ रहा हे. और पीछे से दिव्या की आवाज़े आ रही थी…. आआह्ह्हह्ह्ह्हह फ़क में आरव और जोर से करो आआआह्ह्ह्हह्ह ऊऊऊओऊऊओ फ़क फ़क उतने में विवेक अपना हाथ मेरे पीछे से ला के पेट पे रखा में घबरा गयी. पर कोई रिएक्सन नही दिया. अचानक से उसने मुझे किस कर दिया में डर गयी थी और में वह से बहाना बनके आ गयी और विवेक डर के मारे कुछ नही बोला.

उस दिन पूरी नरात दिव्या आरव से चुदाई करा के अगले दिन आई. और आके मुझसे पूछ ने लगी की तू क्यू वापस आई. और उसे जब सब बताया तो हसने लगी और बोली अब ये सब नही करेगी तो कब और फिर वो बाथ लेने चली गयी. और ये सोच के जब विवेक का कॉल आया सॉरी बोलने के लिए तो मेने उससे कहा में ही ओवर रियेक्ट कर दी यार सॉरी और ये सुनके उसे हरी जांदी मिल गयी और उसने मेरी चुदाई के सिन ही सेट कर दिया रात को विवेक का अचानक से कॉल आया बोला कया कर रही हे. बहार आओ में वेट कर रहा हूँ. और में बहार गयी तो वो  रेड रोज लेक अपनी नेस में था और मुझे देखते साथ आई लव यू कहा और में तुरंत हां बोलदी और फिर बोला आज अपन रात बहार इसी खुसी में पार्टी करेंगे तो में हां बोल दिया. फिर हम ड्राइव करके उसके फ्लेट चले गए. और वहां जाते साथ वो मुझे किस करने लगा.

और अचानक में एक दम गरम हो गयी. और जोर जोर से उसे किस करने लगी और तभी वो मुझे बेड पे ले गया और मेरे कपडे उतारने चालू कर दिए में भी उस टाइम मन नही कर पायी. और उसने धीरे धीरे मेरे सब कपडे उतार दिए. और अपने भी खोल दिया और मेरे बूब्स बहोत जोर जोर से प्रेस करने लगा. फिर अचानक से मेरी पुस्स्सी के पास गया और तब तक में पुरी गरम हो चुकी थी.      और फिर वो मेरी पुस्सी को लिक करने लगा. और में चिल्लाने लगी. फुक मी विवेक प्लीज् फक मी. तो अचानक से गाली देना चालू कर दिया. साली रंडी तुजे इतनी झलदी केसे चोद दू तूने कितना तड पाया हे. और फिर उसने मेरी चूत चाटनी चालू कर दिया. और अचानक से जड़ गयी और उसने पूरा मेरा पानी पि लिया. तब तक में तो डर ही गयी उसका लंड ६’ का था और एक दम मोटा वो मेरी चूत में टिकाया और एक जोर का झटका मारा में दर्द से चिलाने लगी. प्लीज् छोड़ दे विवेक बहोत दर्द हो रहा हे. प्लीज् एक बार निकाल दे.

पर वो नही माना और फिर थोड़ी देर बाद अन्दर बहार करना चालू कर दिया. और में जोर जोर से मौन कर रही थी. आआआअह्ह्ह्हह्ह आआआआआआआआ ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआअ नहीं नही धीरे धीरे प्लीज् आआह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह फ़क मी आआआ ह्ह्ह्हह्ह हार्डर आआआ ह्ह्ह्हह्ह और फिर वो झड गया. और मेरे उपर ही सो गया और मेरी भी नींद लग गयी. २-३ बजे के आस पास विवेक मेरी चूत चाटने लगा और मेरी नींद खुली तो मुझे किस किया और अपना लंड मेरे मुह के पास लाया और बोला चूस इसको उस टाइम विवेक की आवाज़ में बोस्सिनेस फिल आ रहा था तो में चूसने लगी. वो मुझे और जोर से मेरा सर पकड़ के हिलाने लगा और थोड़ी देर बाद मेरे मुह में झड गया और मुझे पिने का बोला और में पि गयी. उसका सारा रस उसका टेस्ट अजीब था. पर मेने पि लिया फिर हम मोर्निंग में उठा तो देखा पूरी बेडसीट में मेरी चूत का ब्लड था.

में डर गयी और रेडी होने बाथरूम में गयी. और रेडी हुई उतने में विवेक उठा मेने बोला मुझे ड्राप कर दो कॉलेज के लिए लेट हो रहा हे तो वो मेरे पास आया एक थप्पड़ मेरे गाल पे मारा और में शॉक में रह गई. की ये क्या हुआ तो वो बोला साली मादर चोद कोंन साफ़ करेगा जो गन्दी हुई हे पहले साफ़ कर फिर जाना और में डर के मारे बेड सिट निकाल के बाथरूम में धोने लगी और उस टाइम विवेक आया और मेरी नंगी पुसी देख के बोला अब जब में चाहू तब तू नही आई तो हर क्लास में तेरी ये पिक्स होगी समज लेना और तब से में उसकी रांड कम नौकरानी हूँ.

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